गैरों की बाहों में तुम खुश रहो दुवा ऐसी दे वो दीवाना कहाँ है गैरों की बाहों में तुम खुश रहो दुवा ऐसी दे वो दीवाना कहाँ है
वह व्यथा वह व्यथा
यह सब हो गई बीती बातें हैं अब तो भूल गए सब। यह सब हो गई बीती बातें हैं अब तो भूल गए सब।
खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....। खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....।
बहुत मन था, उसे वापस एक बार प्यार करने का, पर फिर अगर उससे बेवफाई ही पायी तो ? बहुत मन था, उसे वापस एक बार प्यार करने का, पर फिर अगर उससे बेवफाई ही पायी तो ?
ताकि वस्ल की रात कुछ लंबी हो, ज्यादा नहीं तो, मेरी मौत तक ? ताकि वस्ल की रात कुछ लंबी हो, ज्यादा नहीं तो, मेरी मौत तक ?